इस संगठन का प्रस्फुटन 90 के दशक के शुरुआती वर्षों में नीरज यादव तथा उनकी टीम के सदस्यों द्वारा उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ। स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के दिनों में यह लोग अपने जिले तथा आसपास के जनपदों में लोगों की मदद किया करते थे। जिसमें गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देना तथा यदि कोई आसपास बीमार व्यक्ति रहता था तो उसको अस्पताल पहुंचाने से लेकर दवाइयां इत्यादि की व्यवस्था भी किया करते थे। जैसे-जैसे समय बीतता गया, नीरज यादव के साथ काम करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती गई तथा कार्यक्षेत्र भी बढ़ता गया। यह लोग समाज सेवा के अन्य क्षेत्रों में भी अपने आपको संलिप्त करने लगे। सन् 2003 में नीरज यादव का चयन एमबीबीएस में हो गया, उसके बाद यह अनेक डॉक्टरों के संपर्क में आए और इन्होंने अपने सामाजिक कार्यों को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए राष्ट्रीय समाजसेवी परिषद(RSP) नाम का एक सामाजिक संगठन बनाया। यह संगठन उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में समय और आवश्यकता के अनुसार काम करने लगा। इस संगठन की प्रतिष्ठा जैसे-जैसे समाज में बढ़ने लगी संगठन ने अपना विस्तार भी प्रारंभ कर दिया। वर्तमान समय में परिषद का केंद्रीय कार्यालय दिल्ली में है। देश के लगभग सारे राज्यों में कार्यालय बन गए हैं या कुछ में बनने की प्रक्रिया चल रही है।
इंडियन मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (IMO)
राष्ट्रीय समाजसेवी छात्र परिषद (RSCP)
नर्सिंग फार्मेसी पैरामेडिकल संगठन (NPPO)
राष्ट्रीय समाजसेवी महिला परिषद (RSMP)
राष्ट्रीय समाजसेवी किसान परिषद (RSKP)
राष्ट्रीय समाजसेवी अधिवक्ता परिषद (RSAP)
समाजसेवी प्रशासनिक अधिकारी परिषद (SPAP)
राष्ट्रीय समाजसेवी शिक्षक परिषद् (RSSP)
समाजसेवी डिजिटल मीडिया परिषद् (SDMP)
राष्ट्रीय समाजसेवी इंजीनियरिंग परिषद(RSEP)
महिलाओं के सर्वागीण विकास हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण लघु ग्राम उद्योग, गृह उद्योग की स्थापना करना एवं स्वयं सहायता समूह का गठन करना।
परिषद द्वारा गरीब अविवाहित युवतियों के विवाह सम्पन्न करने के लिए हर सम्भव प्रयास करना।
दहेज, छुआछुत, मद्यपान, दहेज प्रथा, निरक्षरता, बाल विवाह, बधुआ मजदूरी, वैश्यावृति जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध जनजागरण एवं निवारण करना।
बाल मजदूर को मजदूरी से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए शिक्षण की व्यवस्था कर एक समृद्ध समाज बनाने का प्रयास करना तथा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा उनकी हर सम्भव मदद करना।
फिल्माकंन, निर्देशांकन, लेखांकन, नृत्यागंन का सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचार करना एवं करवाना।
बालक/बालिकाओं के विकास एवं उत्थान हेतु गायन, नृत्य तथा अभिनय का शिक्षण-प्रशिक्षण देना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।
कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने हेतु जनता को जागरुक करने का प्रयास करना।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करना तथा स्वच्छ भारत अभियान के तहत कार्य करना तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना।
समाज के विभिन्न वर्गो से निष्कासित तलाकशुदा, वृद्ध, विधवा, निराश्रित महिलाओं, बाल-बालिकाओं के रख-रखाव एवं देख-रेख निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण, पुनर्वास की व्यवस्था संबंधित कल्याणकारी विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना।
राष्ट्रीय विकास एवं समाज सेवा कार्यक्रमों के संचालन में सहयोग देना जैसे-परिवार कल्याण, महिला शिक्षा, वृक्षारोपण, साक्षरता मिशन, विकलांग कल्याण, पोलियों अभियान, परिवार नियोजन, जनसंख्या नियंत्रण, प्रौढ़ शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करना।
संयुक्त राष्ट्रसंघ विकास योजना, केन्द्र एवं राज्य कौशल विकास प्रशिक्षण, विश्व स्वास्थ्य संगठन, डिजिटल इण्डिया, यूनिसेफ द्वारा चलाई जा रही योजना का क्रियान्वयन करना तथा पंचायत राज प्रशिक्षण कार्यक्रमों को करने में सहयोग प्रदान करना।
समाज में व्याप्त बीमारियों जैसे-कैंसर, एड्स, टी0बी0, पोलियों, कुपोषण, मलेरिया, हृदय एवं मधुमेय रोग, तपेदिक, कुष्ठ रोग हैपीटाइटिस बी व संक्रामक बिमारियों से बचाने हेतु प्रचार-प्रसार करना।
विज्ञान, चिकित्सा एवं कृषि के क्षेत्र में शोध करना, गौ रक्षा, तथा चैरिटेबल स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना एवं टीकाकरण, मातृ एवं शिशु कल्याण हेतु कार्य करना।
अंगदान तथा रक्तदान के लिए समाज को प्रोत्साहित करना।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार प्रसार, परिवार नियोजन, एवं परिवार कल्याण का प्रचार-प्रसार करना तथा निःशुल्क चिकित्सालयों, मेडिकल शिक्षण-प्रशिक्षण से संबंधित प्रशिक्षण केन्द्रो की स्थापना, पुनर्वास केन्द्र, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों, नशा मुक्ति अभियान, नशा उन्मूलन व नेत्र जॉच शिविरों तथा आपरेशन शिविरों का आयोजन व एम्बुलेन्स की व्यवस्था करना।
बालक/बालिकाओं के शैक्षिक विकास के लिए हिन्दी तथा अंग्रेजी माध्यम से प्ले ग्रुप, नर्सरी, एल0के0जी0, यू0के0जी0, प्राइमरी, जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट विद्यालय और स्नातक-स्नातकोत्तर महाविद्यालय, विधि महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना तथा उसका संचालन करना।
समुदाय में पर्यावर्णीय-संस्कृति को आदर्श मानते हुए समाज का संवेदीकरण करना।
पर्यावरण प्रदूषण एवं प्रदूषण नियंत्रण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना एवं वृक्षारोपड़ कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
नवीन शिक्षा प्रणाली के अनुसार सभी विषयों एवं भाषाओं की समुचित व्यवस्था करना।
बालिकाओं, युवतियों एवं महिलाओं के विकास एवं उत्थान के लिए सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, कताई व माडलिंग, फैशन, डिजायनिंग, ब्यूटी पार्लर, खिलौना बनाना,मेंहदी, हाथ की कढ़ाई, फ्लावर मेंकिंग, गुलदस्ता डिजाइनिंग, जरदोजी, हैण्डीक्राफ्ट,एप्लीक एवं पैंच, मशीन से कढ़ाई, ज्वेलरी मेंकिंग, फैब्रिक पेंण्टिंग, ग्लास पेंण्टिंग, साफ्ट ट्वायज का निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
बालक/बालिकाओं के लिए तकनीकी, प्रबंधन, योग, कृषि, व व्यवसायिक शिक्षा औद्योगिक शिक्षा एवं ग्रामोद्योगिक, प्रोद्योगिक शिक्षा का निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना व उसका संचालन करना।
बालक/बालिकाओं के लिए कम्प्यूटर हार्डवेयर साफ्टवेयर प्रशिक्षण, इलेक्ट्रानिक संबंधी प्रशिक्षण केन्द्रो की स्थापना, हिन्दी अंग्रेजी टंकण, आशुलिपि, मोबाईल की जानकारी प्रदान करना व निःशुल्क शिक्षण/प्रशिक्षण की व्यवस्था करना एवं नये साफ्टवेयर का विकास करना तथा प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कराना।
निर्धन, असहाय तथा मेधावी छात्र छात्राओं को पुस्तकीय सहायता तथा छात्रवृत्ति की सुविधायें उपलब्ध कराना।
बेरोजगार शिक्षित एवं दिव्यागों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए निःशुल्क शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करना।
कृषि पैदावार को बढ़ाने हेतु विभिन्न प्रकार के शिविर, प्रदर्शनी, प्रशिक्षण कार्यशाला एवं आयोजन तथा उच्च कोटि के बीजों का प्रदर्शन करना।
ग्रामोद्योग से संबंधित सभी कार्यो को करना।
समाज कल्याण विभाग तथा केन्द्रीय एवं राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड, सिप्सा, कपार्ट, नावार्ड, नरेगा, सिडवी, सूडा, डूडा, खेल मंत्रालय, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य विभाग, ऑगनवाड़ी, बालवाड़ी, द्वारा संचालित बाल एवं महिला कल्याणकारी कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करना। ग्रामीण एवं कृषि उद्योग (कृषक से उद्यमी) प्रोद्योगिकी के अन्तर्गत उन्नत खेती, पशुपालन, पक्षी पालन, मशरूम की खेती, हैचरिंग, मुर्गीपालन, सुअर पालन, किचन गोर्डेनिंग, दुग्ध उत्पादन, डेरी, मत्स्य पालन, मौन पालन, रेशम कीट पालन, जलागम, जैविक खेती, जैविक खाद निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, कृषि अभियन्त्रण, ऊर्जा के विकेन्द्रित संसाधनों का प्रबंधन, प्रचार-प्रसार व निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
हस्तशिल्प, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग से संबंधित कार्यों को करना। • ग्रामीण रोजगार एवं विकास कार्य हेतु कृषि, पशुपालन, बागवानी, रेशम कीट पालन, दरी कालीन, मत्स्य पालन, कुटकुट पालन, मशरूम खेती जेस्टोफा पौधे, पुष्प, मधु मक्खी पालन, फलसंरक्षण, पिसा मसाला व विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना व पापड़ अचार बनाने का प्रशिक्षण देना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना।
सभी प्रकार के शैक्षिक एवं मानसिक प्रतियोगिता कराने का प्रयास करना।
सभी प्रकार के खेलो को प्रोत्साहित करना और प्रतिभावान खिलाड़ियो को सही दिशा दिखलाने का प्रयास करना।
जल संरक्षण, गंगा प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा गंगा प्रदूषण रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास करना, भ्रष्टाचार के के विरूद्ध लोगों में जागरूकता पैदा करना।
प्राकृतिक आपदा के समय लोगों की हर सम्भव मदद करना।
आयुर्वेदिक, एलोपैथिक दन्त चिकित्सा तथा होमियापैथिक का निःशुल्क तथा जनहित का कल्याण करना
तथा खाद्य प्रसंस्करण हेतु निःशुल्क हर्बल शतरीठा, सत शैम्पू, जैसे अचार, मुरब्बा, बेकरी, स्नेक फूड आदि का प्रशिक्षण देना एवं समस्त कार्य का संचालन करना।
कैशलेश इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया, किसान क्लब, महिला उद्यमिता विकास परियोजना आदि के तहत कार्य करना तथा इनके कार्यो को लेकर संस्था के माध्यम से कराना।
केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन करना तथा प्रचार प्रसार करना।
प्रधानमंत्री जनधन योजना, स्वच्छ भारत-स्वच्छ भारत, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओं, सुकन्या समद्धि योजना, कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, नमामी गंगे योजना, स्मार्ट सिटी योजना, श्रमेव जयते योजना, मद्रा बैंक योजना, विश्व योग दिवस, प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कषि बीमा योजना, इन्द्रधनुष, सेफ्टी टैंक लगवाना, गॉव गॉव शौचालय आदि कार्यक्रमो को करना तथा प्रचार-प्रसार करना।
भक्तो व जायरीन आदि को रहने एवं भोजन की उत्तम ब्यवस्था और हमारी संस्था के वाहन द्वारा प्रमुख धार्मिक स्थलों का दर्शन एवं भ्रमण।
देश के किसी हिस्से में आई आपदा पर सहायता प्रदान करना तथा चिकित्सा सुविधाओं को मुहैया कराना।
देश के शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम करना तथा उनके परिवारों को आर्थिक तथा हर प्रकार की सहायता प्रदान करना।
आपदा और युद्ध के समय देश की सेवा में चिकित्सा और खाद्य सामग्री की व्यवस्था करना ताकि देश मजबूती के साथ संकट का सामना कर सके।
देश की तथा विश्व की जनता को उनके संवैधानिक अधिकारों और मानव अधिकारों के प्रति जागरूक करना।
विश्व के किसी भी हिस्से में शरणार्थी शिविर आयोजित करना ताकि वंचितों और पीड़ितों को सहायता मिल सके।
ऐसे सभी कार्य जिससे देश और विश्व के हर मानव जीव-जंतु तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी कार्य हो,उसे करना।